Swarnjatit Ratn: स्वर्णजटित रत्न (THE GEM SET IN GOLD) Hindi
स्वर्णजटित रत्न
दस दिवसीय शिविर में साधको का मुख्य काम होता है अपने मन को नियंत्रित करना और उसका निरीक्षण करना। यह काम बड़ा संवेदनशील है तथा कठिन परिश्रम की अपेक्षा रखता है और वैसे वातावरण में किया जाता है जहां घंटो गुरुजी के निर्देशानुसार ध्यान किया जाता है।
गोयन्काजी की प्रातःकालीन वंदना से साधक परिचित होते हैं। गुरुजी न सिर्फ बुद्ध की वाणी का पाठ करते हैं बल्कि स्वरचित प्रेरणा के श्रोत दोहो का भी पाठ करते हैं।
इस तरह का पाठ साधको के ध्यान के लिए प्रेणाजनक होता है और अनुकूल वातावरण उपस्थित करता है।
इस पुस्तक में गोयन्काजी द्वारा पाठ किये गये बुद्ध वचनो का हिन्दी अनुवाद तथा उनके स्वरचित दोहे भी हैं।
इस पुस्तक से विपश्यी साधको को बुद्धवचन तथा गुरुजी के दोहो के अर्थ समझने में सहायता मिलेगी और विपश्यी साधक अधिक गहराई से विपश्यना का अभ्यास करने में लग सकेंगे।
विपश्यी साधको के लिए यह एक आदर्श पुस्तक है।